मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान(Mukundra Hills National Park,Kota
नाम कोटा के प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी हाडा शासक मुकुंद सिंह के नाम पर रखा गया|
अभयारण्य से बदलकर राजीव गांधी नेशनल पार्क रखा
तथा 2006 में वसुंधरा सरकार ने मुकुंदरा हिल्स पार्क नाम
रखकर राष्ट्रीय उद्यान का स्तर प्रदान करने का प्रस्ताव पारित
किया परंतु इस प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी नहीं दी|
मुकुंदरा हिल्स को राष्ट्रीय पार्क का दर्जा देने के लिए 9 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की| [ जवाहर सागर अभयारण्य, चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य, दर्रा अभयारण्य के कुछ भाग (लगभग 199.51km² क्षेत्र )को मिलाकर राज्य का तीसरा राष्ट्रीय उद्यान बनाने की घोषणा की| ]
10 अप्रैल 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया|
[राजस्थान का तीसरा टाइगर रिजर्व
1 रणथंबोर
2 सरिस्का ]
[राजस्थान का तीसरा टाइगर रिजर्व
1 रणथंबोर
2 सरिस्का ]
विस्तार –
यह राजस्थान के 4 जिलों- कोटा ,बूंदी ,झालावाड़ ,चित्तौड़गढ़ में फैला हुआ है |
राष्ट्रीय राजमार्ग 1 2 पर स्थित|
*राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र-*294.41 km²
बाघ परियोजना क्षेत्र – 759.99 km²
(कोर एरिया- 417 km²
बफर जोन कवरेज एरिया -342.82 km²)

चंबल घड़ियाल सेंचुरी (कोटा) को वन्य जीव विभाग ने रामसर साइट का स्टेटस दिलाने का प्रस्ताव भेजा है| [राज्य में वर्तमान में दो रामसर साइट -1सांभर 2केवलादेव ]
राज्य में स्थित वन्यजीव अभयारण्य व टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में वन्यजीव प्रबंधन के लिए वित्तीय पोषण केंद्रीय प्रवर्तित योजना इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ हेबिटेट [फंडिंग पैटर्न -केंद्र 60: राज्य 40] व प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वन व पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिया जा रहा है|
राज्य में वन क्षेत्रों को विकसित करने व वन्यजीवों को एक अभयारण्य से दूसरे अभयारण्य में विचरण करने हेतु 7 जिलों के 14 अभयारण्य और दर्रा उद्यान को कोरिडोर के माध्यम से जोड़ा जाएगा | जिसके लिए राजीव गांधी बायोस्फीयर रिजर्व का गठन किया गया है|
बाघ संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र- शाहपुरा (जयपुर)
इको टूरिज्म पॉलिसी- राज्य में आरक्षित क्षेत्रों के बाहर वन क्षेत्रों में पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु वन विभाग की पॉलिसी 4 फरवरी 2010 को अनुमोदित|
इसके तहत इको टूरिज्म साइट-
-मेनाल व हमीरगढ़ (भीलवाड़ा)
– बस्सी व सीता माता (चित्तौड़गढ़)
– नाहरगढ़
-जमवारामगढ़
-सुंधा माता (जालौर)
– पंचकुंड (अजमेर)
– गुढ़ा विश्नोई (जोधपुर)
– मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान
– भैंसरोडगढ़





बाघ गणना की विधियां*
*कैमरा ट्रैप तकनीक- जंगल में स्वचालित कैमरे लगा दिए जाते हैं|
पग मार्क विधि- प्लास्ट
र ऑफ पेरिस डालकर पग मार्क लिए जाते हैं|
DNA तकनीक
अस्मिता मिश्रा
( देवली- टोंक)
(कोर एरिया- 417 km²
बफर जोन कवरेज एरिया -342.82 km²)
अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण
गागरोनी तोता
जूलॉजिकल नेम अलेक्जेंड्रिया पैराकीट
मुकुंदरा हिल्स में पाया जाने वाला विशेष प्रजाति का तोता जो कि इंसान की आवाज की हूबहू नकल कर सकता है|
इसकी कंठी लाल रंग की व पंख पर लाल रंग का धब्बा होता है|
इसे हीरामन तोता तथा हिंदुओं का आकाश लोचन (मनुष्य की आवाज में बोलने वाला) भी कहा जाता है|
प्राचीन काल में इस तोते का उपयोग जासूसी करने हेतु किया जाता था|
इसे वन विभाग ने झालावाड़ जिले का शुभंकर घोषित किया है|
सर्वाधिक घड़ियाल और सारस पाए जाते हैं|
सांभर ,चीतल, नीलगाय, हरिन, जंगली सूअर, लोमड़ी, खरगोश आदि जानवर इस अभयारण्य में पाए जाते हैं|
यह अभयारण्य धोकड़ा ( एनोजिस पन्डूला )वनों के लिए प्रसिद्ध है|
मुकुंदरा हिल्स में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल
अबली मीणी का महल (राजस्थान का दूसरा ताजमहल) कोटा नरेश राव मुकुंद सिंह द्वारा स्थापित|

यहां गुप्तकालीन मंदिर के खंडहर (भीम चोरी )स्थित है|
चित्तौड़गढ़ में हूणों द्वारा बनवाया गया बाडोली का प्रसिद्ध शिव मंदिर है| राजस्थान का पहला मंदिर जिस पर निर्माण की तिथि अंकित है|
गागरोन किला (झालावाड़)
रावठा महल (कोटा)
मुकुंदरा पहाड़ियों में आदिमानव के शैलाश्रय वह उनके द्वारा चित्रांकित शैलचित्र मिलते हैं|
मुकुंदरा अभयारण्य में पाई जाने वाली नदियां– चंबल, काली सिंध, आहू ,आमझर|
अभयारण्य क्षेत्र में रामसागर व झामरा नामक स्थानों पर जंगली जानवरों के अवलोकन के लिए अवलोकन स्तंभ बनाए गए हैं जिन्हें ओदिया कहा जाता है|
अन्य जानकारी
श्रीमान कैलाश सांखना- Tiger man of India.
जन्म -जोधपुर
भारतीय बाघों पर विशेष अध्ययन करने के लिए इन्हें सन 1969 में जवाहरलाल नेहरू फेलोशिप प्रदान की गई |
श्री सांखला को बाघ परियोजना का संस्थापक निदेशक (प्रथम निदेशक )नियुक्त किया गया |
इन्होने वन्यजीवों पर अनेक पुस्तकें लिखी The Tiger ,रिटर्न ऑफ टाइगर, टाइगर लैंड, स्टोरी ऑफ इंडियन टाइगर, बर्ड सेंचुरी ऑफ भरतपुर, वाइल्ड ब्यूटी, नेशनल पार्क, गार्डन ऑफ गोड्स |
इन्हीं के प्रयासों से बाघ को रेड डाटा बुक में सम्मिलित किया गया|
कैलाश सांखला पुरस्कार- इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष राज्य स्तर पर ₹50000 का नकद [₹25000 राज्य सरकार + ₹25000 टाइगर ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा ]वन्य जीव संरक्षण एवं सुरक्षा में असाधारण कार्य करने वाले वनकर्मियों व नागरिकों को दिया जाता है|
राजस्थान में बाघों की संख्या- 45( 20 जनवरी 2015 को जारी 4 वर्ष में एक बार होने वाली बाघ गणना के अनुसार)
सर्वाधिक बाघ -कर्नाटक (406)
इसके तहत इको टूरिज्म साइट-
-मेनाल व हमीरगढ़ (भीलवाड़ा)
– बस्सी व सीता माता (चित्तौड़गढ़)
– नाहरगढ़
-जमवारामगढ़
-सुंधा माता (जालौर)
– पंचकुंड (अजमेर)
– गुढ़ा विश्नोई (जोधपुर)
– मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान
– भैंसरोडगढ़
बाघ गणना की विधियां*
र ऑफ पेरिस डालकर पग मार्क लिए जाते हैं|
( देवली- टोंक)
Specification by : https://samanyagyanedu.in/
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